परिचय: क्या है प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM Yojana)?
भारत सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और खेती में ऊर्जा की लागत को कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan) की शुरुआत की गई।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को सौर ऊर्जा उपकरणों जैसे कि सोलर पंप और सोलर पैनल सिस्टम पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे वे अपनी ऊर्जा जरूरतों को खुद पूरा कर सकें और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आय भी अर्जित कर सकें।
यह योजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।
PM-KUSUM योजना के मुख्य घटक (Components of PM-KUSUM Yojana)
प्रधानमंत्री कुसुम योजना को तीन मुख्य घटकों (Components) में विभाजित किया गया है:
1. घटक-A:
ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाएं
- किसानों, पंचायतों और सहकारी समितियों को 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने की अनुमति मिलती है।
- उत्पादित बिजली को DISCOM (विद्युत वितरण कंपनियों) को बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है।
2. घटक-B:
स्टैंड-अलोन सोलर पंप
- डीजल पंप की जगह सोलर पंप लगाने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है।
- इससे ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी आती है।
3. घटक-C:
ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन
- मौजूदा ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित करने की सुविधा।
- किसान खुद की जरूरत के बाद अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेज सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए: MNRE – Ministry of New and Renewable Energy
योजना के लाभ: किसानों के लिए क्यों फायदेमंद है कुसुम योजना?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना किसानों को कई स्तरों पर लाभ पहुंचाती है:
मुख्य फायदे:
- ऊर्जा लागत में कमी
अब बिजली या डीजल पर निर्भरता घटेगी। - आय का नया स्रोत
ग्रिड में अतिरिक्त बिजली बेचकर पैसे कमाए जा सकते हैं। - पर्यावरण संरक्षण
सौर ऊर्जा से प्रदूषण में कमी आती है। - सरकारी सब्सिडी का लाभ
कुल लागत का 60% तक अनुदान (सब्सिडी) दिया जाता है। - खेतों में बिजली की समस्या का समाधान
अब किसानों को 24×7 मुफ्त बिजली मिल सकती है।
PM-KUSUM योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो नीचे दी गई प्रक्रिया को अपनाएं:
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:
- संबंधित राज्य की नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (NREDC) की वेबसाइट पर जाएं
(उदाहरण: https://kusumyojana.up.gov.in) - PM-KUSUM योजना पर क्लिक करें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें:
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
- चयन होने पर संबंधित विभाग द्वारा संपर्क किया जाएगा।
राज्यवार आवेदन पोर्टल खोजने के लिए India.gov.in पर जाएं।
वर्तमान स्थिति और लक्ष्य
- सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक 30.8 गीगावॉट सौर क्षमता स्थापित करना है।
- अब तक लाखों किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
- योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़कर आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी जोड़ा गया है।
2023–24 तक की प्रगति:
- 20 लाख से अधिक सोलर पंप स्वीकृत
- 10,000+ मेगावॉट सोलर क्षमता स्वीकृत
निष्कर्ष: कुसुम योजना – हर किसान के लिए सौर शक्ति का समाधान
प्रधानमंत्री कुसुम योजना भारत के किसानों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी पहल है। यह न केवल किसानों के बिजली खर्च को कम करती है बल्कि उन्हें एक स्थायी आय का साधन भी देती है।
आज जब ऊर्जा संकट और पर्यावरणीय समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में यह योजना सौर ऊर्जा को अपनाने और किसानों को सशक्त बनाने में अत्यंत सहायक है।
अगर आप किसान हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और सौर ऊर्जा से अपने खेतों को शक्ति दें!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. पीएम कुसुम योजना क्या है?
यह एक सरकारी योजना है जिसके अंतर्गत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में वित्तीय सहायता दी जाती है।
2. क्या इस योजना के लिए सभी किसान आवेदन कर सकते हैं?
हां, भारत के सभी योग्य किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
3. इस योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलती है?
कुल लागत का लगभग 60% तक सब्सिडी, और 30% लोन विकल्प उपलब्ध होता है।
4. आवेदन कहां करें?
राज्य की नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट या कृषि विभाग के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
5. क्या ग्रिड में बिजली बेचकर पैसे मिलते हैं?
हां, जो किसान सौर संयंत्र लगाते हैं वे अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर कमाई कर सकते हैं।