परिचय
भारत में तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ-साथ गिग वर्कर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। आज लाखों लोग अस्थायी, स्वतंत्र और अनुबंध आधारित कार्य करके अपनी आजीविका चला रहे हैं। जैसे कि डिलीवरी पार्टनर, ऐप बेस्ड टैक्सी ड्राइवर, फ्रीलांसर, घरेलू कामगार आदि। हालांकि, इन गिग वर्कर्स को पारंपरिक कर्मचारियों की तरह सामाजिक सुरक्षा के लाभ नहीं मिलते।
इसी जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत की है, ताकि इस असंगठित वर्ग को भी सुरक्षा, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं मिल सकें। आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना की जानकारी, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया।
गिग वर्कर्स कौन होते हैं और उन्हें सुरक्षा क्यों जरूरी है?
गिग वर्कर्स वे होते हैं जो किसी कंपनी के स्थायी कर्मचारी नहीं होते लेकिन किसी सेवा या कार्य को अल्पकालिक या अनुबंध पर करते हैं। उदाहरणस्वरूप:
– ओला/उबर ड्राइवर
– स्विगी/जोमैटो डिलीवरी एजेंट
– घरेलू सहायिका
– कंटेंट राइटर, ग्राफिक डिजाइनर, डिजिटल फ्रीलांसर
इन वर्कर्स को नियमित पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, भविष्य निधि (PF) या अन्य कर्मचारी लाभ नहीं मिलते। किसी दुर्घटना, बीमारी या वृद्धावस्था में इनके पास कोई सुरक्षा नहीं होती। इसी को दूर करने के लिए सरकार ने Code on Social Security, 2020 के तहत गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाने की योजना बनाई है।
गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना के उद्देश्य
सरकार की इस योजना का मूल उद्देश्य गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सुरक्षा की छतरी प्रदान करना है। इसके अंतर्गत:
– असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को पेंशन, बीमा और अन्य सरकारी सुविधाएं देना।
– ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन कर एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना।
– निजी डिजिटल कंपनियों (जैसे उबर, स्विगी आदि) को भी श्रमिकों के लिए अंशदान देने हेतु बाध्य करना।
– सामाजिक और आर्थिक रूप से इन वर्कर्स को सुरक्षित बनाना।
यह योजना न सिर्फ श्रमिकों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिरता और सामाजिक समावेशिता को भी बढ़ावा देती है।
योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभ
गिग वर्कर्स के लिए प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा योजना कई लाभ प्रदान करती है। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
1. बीमा सुविधा
- ₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा (PM Suraksha Bima Yojana के तहत) - ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा (आयुष्मान भारत योजना के तहत)
2. पेंशन और वृद्धावस्था लाभ
– 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक ₹3,000 तक की पेंशन
– अटल पेंशन योजना के साथ इंटीग्रेशन संभव
3. मातृत्व और अन्य लाभ
– महिला गिग वर्कर्स के लिए मैटरनिटी बेनिफिट
– बच्चों की शिक्षा सहायता, आकस्मिक जरूरतों के लिए राहत फंड
4. स्किल अपग्रेडेशन और ट्रेनिंग
– डिजिटल और तकनीकी कौशल में प्रशिक्षण
– प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़ाव
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें और प्रक्रिया अपनानी होती है:
पात्रता मानदंड
- आवेदक भारत का नागरिक हो - आयु 16 से 60 वर्ष के बीच हो - असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हो (EPFO/ESIC से जुड़े न हों) - आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता हो
आवेदन प्रक्रिया
1. [ई-श्रम पोर्टल](https://eshram.gov.in/) पर जाएं
2. मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से लॉगिन करें
3. आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि भरकर फॉर्म सबमिट करें
4. सफल रजिस्ट्रेशन पर एक UAN (Universal Account Number) मिलेगा
👉 ई-श्रम कार्ड के जरिए श्रमिकों को सभी सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलेगा। यदि आप स्वयं पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं, तो नजदीकी CSC सेंटर में जाकर मदद ले सकते हैं।
योजना से जुड़े हालिया सरकारी कदम
– नीति आयोग ने गिग इकॉनॉमी पर एक रिपोर्ट जारी कर, इसमें 2.35 करोड़ से अधिक वर्कर्स की पहचान की है।
– कुछ राज्यों जैसे राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक ने गिग वर्कर्स के लिए राज्य स्तरीय बीमा व कल्याण योजनाएं शुरू की हैं।
– केंद्र सरकार ने डिजिटल कंपनियों से भी श्रमिकों के लिए योगदान लेने की प्रक्रिया पर काम शुरू किया है।
निष्कर्ष
गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना आज के समय की एक अत्यंत जरूरी और दूरदर्शी पहल है। इससे न केवल करोड़ों श्रमिकों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि यह देश की श्रम नीति को भी आधुनिक और समावेशी बनाएगा। यदि आप या आपके जानने वाले कोई भी गिग वर्क में हैं, तो ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं और इस योजना का लाभ उठाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना क्या है?
यह योजना गिग वर्कर्स को बीमा, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं देने के लिए शुरू की गई है।
2. ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
[eshram.gov.in](https://eshram.gov.in/) वेबसाइट पर जाकर आधार और मोबाइल नंबर के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें।
3. क्या सभी फ्रीलांसर इस योजना के पात्र हैं?
हाँ, जो भी व्यक्ति असंगठित क्षेत्र में है और किसी कंपनी का स्थायी कर्मचारी नहीं है, वह पात्र है।
4. योजना के अंतर्गत कितना बीमा कवर मिलता है?
₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा और ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा सकता है।
5. क्या इसमें कोई पेंशन सुविधा भी है?
हाँ, 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक ₹3,000 तक की पेंशन दी जा सकती है, जो अटल पेंशन योजना से जोड़ी जा सकती है।
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